सरकार के परिवहन विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए यह साफ कर दिया है कि 1 जुलाई 2025 से राजधानी में सभी एंड-ऑफ-लाइफ (EoL) वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि अगर किसी वाहन की उम्र सीमा पार हो चुकी है या उसकी रजिस्ट्रेशन वैध नहीं है, तो उसे पेट्रोल, डीजल या सीएनजी स्टेशन पर फ्यूल नहीं मिलेगा।
यह आदेश 23 अप्रैल 2025 को एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) द्वारा जारी किया गया है और इसके तहत फ्यूल पंपों पर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरों या अन्य निगरानी तकनीकों के जरिए ऐसे वाहनों की पहचान की जाएगी। जो वाहन इस नियम का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उन्हें फ्यूल देने से मना कर दिया जाएगा और साथ ही उन पर मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
एंड-ऑफ-लाइफ (EoL) वाहन किसे कहते हैं?
– ऐसे वाहन जिनकी रजिस्ट्रेशन वैध नहीं है, चाहे वे पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलते हों।
– पेट्रोल वाहन जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और डीजल वाहन जो 10 साल से ज्यादा पुराने हैं, उन्हें एंड-ऑफ-लाइफ कैटेगरी में रखा गया है।
इस कदम का उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना और पुराने व खतरनाक वाहनों को सड़कों से हटाना है। आने वाले समय में सभी फ्यूल पंपों पर निगरानी और सख्ती और अधिक बढ़ा दी जाएगी ताकि यह नियम प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
परिवहन विभाग ने यह भी साफ किया है कि यह निर्णय जनहित में जारी किया गया है और सभी वाहन चालकों से अनुरोध किया है कि वे समय रहते अपने पुराने वाहनों का निपटान कर दें या वैध तरीके से रजिस्ट्रेशन और फिटनेस प्रमाणपत्र अपडेट करवा लें।