सरकार अब प्रधानमंत्री इंटरनशिप योजना में बड़ा विस्तार करने जा रही है। अभी तक यह योजना केवल देश की टॉप 500 कंपनियों तक सीमित थी, लेकिन अब इसे 24 हजार कंपनियों तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की संभावना है। इस स्कीम का मकसद युवाओं को करियर की शुरुआत में ही वास्तविक कामकाजी अनुभव देना है ताकि वे नौकरी के लिए अधिक सक्षम बन सकें।
पिछले पांच सालों में इस योजना के तहत युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर देने के लिए एक पोर्टल बनाया गया था। इस पोर्टल पर कंपनियों ने अब तक 82 हजार इंटर्नशिप ऑफर किए जिनमें से लगभग 60 हजार को इंटर्नशिप की पेशकश की गई, लेकिन सिर्फ 8,725 युवाओं ने ही इंटर्नशिप जॉइन की। यह आंकड़ा दिखाता है कि स्कीम के तहत इंटर्नशिप मिलने के बाद भी अधिकतर युवाओं ने इसे स्वीकार नहीं किया। 72% युवाओं ने ऑफर ठुकरा दिए जबकि 28% ने ही जॉइनिंग की।
फीडबैक से यह बात सामने आई है कि लोकेशन सबसे बड़ी बाधा बन रही है। अधिकतर युवाओं ने कहा कि उन्हें ऐसी जगह इंटर्नशिप दी जा रही है जहां वे रह नहीं सकते या जाना संभव नहीं है। इसके चलते अब सरकार योजना में सुधार करने जा रही है ताकि युवाओं को अपने ही शहर या नजदीक के क्षेत्र में इंटर्नशिप का विकल्प मिल सके।
संभावित बदलावों में ये प्रमुख बातें हो सकती हैं: अब 21 से 24 साल तक के युवाओं को स्कीम के तहत पात्र माना जाएगा। पहले यह सीमा 18 साल से अधिक थी। इंटर्नशिप की राशि बढ़ाकर प्रति माह 5,000 रुपये तक की जा सकती है। इसके अलावा स्कीम में सीएसआर फंडिंग को भी जोड़ा जा सकता है ताकि ज्यादा कंपनियां इससे जुड़ें।
सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में 15 लाख इंटर्नशिप ऑफर करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके तहत युवाओं को पार्ट टाइम या फुल टाइम इंटर्नशिप का मौका मिलेगा और उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। स्कीम का उद्देश्य न केवल रोजगार देना है बल्कि युवाओं को कौशल विकास और अनुभव के साथ जॉब रेडी बनाना भी है।