हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अब खाद की बिक्री को पूरी तरह ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश के 17.50 लाख किसानों को समय पर खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खाद की खरीद सिर्फ मेरी फसल मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। यह व्यवस्था 15 जून 2025 से लागू हो जाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत किसानों को पहले पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद ही उन्हें यूरिया, डीएपी, म्यूरिएट ऑफ पोटाश और अन्य खादें मिल सकेंगी।
राज्य सरकार की ओर से यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके और समय पर सही किसानों तक खाद पहुंच सके। इसके साथ ही हर किसान को उसके खेत के रकबे और जरूरत के अनुसार ही खाद दी जाएगी, जिससे अनावश्यक जमाखोरी की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। किसानों को अब सिर्फ उतनी ही खाद मिलेगी जितनी उनकी फसल और भूमि के अनुसार बनती है।
खाद बिक्री की निगरानी के लिए कृषि विभाग की तरफ से जिलास्तर पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि किस जिले में कितनी मांग है और उसी अनुसार समय रहते खाद की आपूर्ति की जाएगी। यदि किसी जिले में समय से पहले मांग बढ़ती है तो सरकार उसके अनुसार वहां खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।
इस साल खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में कुल 26 हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की बिक्री की योजना है, जो अभी तक की सबसे बड़ी खेप मानी जा रही है। यही नहीं, अब किसानों को खाद के लिए दुकानों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक बार पोर्टल पर पंजीकरण हो जाने के बाद उन्हें पोर्टल से टोकन मिलेगा, उसी टोकन के आधार पर खाद की बिक्री होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और कालाबाजारी की आशंका खत्म हो जाएगी।
सरकार का मानना है कि यह व्यवस्था लागू होने से न केवल किसानों को समय पर खाद उपलब्ध होगी, बल्कि उन्हें अपने हक के अनुसार ही खाद मिल पाएगी, जिससे छोटे और मध्यम किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा। सभी किसान भाइयों से अनुरोध किया गया है कि वे समय रहते मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कर लें ताकि उन्हें किसी भी तरह की असुविधा न हो।