भारत में इंजीनियरिंग की एक ऐतिहासिक उपलब्धि सामने आई है। जम्मू और कश्मीर में बना ‘चिनाब रेल ब्रिज’ अब आधिकारिक रूप से तैयार है और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 5 जून 2025 को करेंगे। यह पुल न केवल भारत का, बल्कि पूरी दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है, जो आधुनिक तकनीक, मजबूत संरचना और सुरक्षित डिजाइन का बेहतरीन उदाहरण है।
क्या है चिनाब ब्रिज की खासियत?
यह ब्रिज चिनाब नदी के ऊपर स्थित है और इसकी ऊंचाई नदी के तल से 359 मीटर है। इसकी कुल लंबाई 1315 मीटर है और इसे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है। इस पुल का निर्माण कार्य 1486 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ है और इसमें कुल 333 पाइल्स का इस्तेमाल किया गया है।
टिकाऊ और तकनीकी रूप से अद्वितीय
इस ब्रिज में सबसे आधुनिक तकनीक जैसे anti-corrosion coating, polymer-based paint, उन्नत स्टेनलेस स्टील और fire-resistant प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ है। इसे इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता तक के भूकंप को भी सहन कर सकता है।
तेज़ हवाओं में भी सुरक्षित
चिनाब ब्रिज को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलने वाली हवा के दबाव को भी झेल सकता है। यानी भूकंप हो या तेज हवा, यह ब्रिज हर चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है।
प्रसिद्ध संरचनाओं से भी ऊंचा
यह ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली के कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है।
‘वंदे भारत ट्रेन’ को दिखाई जाएगी हरी झंडी
उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर के कटरा से श्रीनगर के बीच चलने वाली ‘वंदे भारत ट्रेन’ को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो अब इस ऐतिहासिक पुल पर दौड़ेगी।
निष्कर्ष
‘चिनाब रेल ब्रिज’ सिर्फ एक पुल नहीं बल्कि भारत की तकनीकी शक्ति, इंजीनियरिंग क्षमता और आत्मनिर्भर भारत के विजन का प्रतीक है। यह पुल देश के उत्तर क्षेत्र को रेल मार्ग से जोड़ने और वहां के विकास में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा।