सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 2025-26 शैक्षणिक सत्र से स्नातक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई शुरू करने की मंजूरी दे दी है। यह पहली बार है जब राज्य के सरकारी कॉलेजों में बीसीए इन एआई और बीएससी इन फ्यूचर टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक और रोजगार-उन्मुख कोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे। कुल मिलाकर इस बार 16 नए कोर्सों को स्वीकृति दी गई है, जो इस सत्र से शुरू होंगे।
एआई की पढ़ाई के लिए इन कॉलेजों को मिली है मंजूरी:
- आरकेएसडी कॉलेज, कैथल – बीसीए इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- गुरु नानक खालसा कॉलेज, करनाल – बीसीए इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- महाराजा अग्रसेन कॉलेज, जगाधरी – बीसीए इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- सीआरएम जाट कॉलेज, हिसार – बीएससी इन फ्यूचर टेक्नोलॉजी
इन कॉलेजों में विद्यार्थियों को अब AI और टेक्नोलॉजी से संबंधित आधुनिक विषयों की शिक्षा मिल सकेगी।
बीसीए इन एआई: क्यों है ये कोर्स खास?
बीसीए इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स में छात्रों को मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP), कंप्यूटर विज़न और रोबोटिक्स जैसे विषयों पर शिक्षा दी जाएगी। साथ ही इसमें कंप्यूटर साइंस आधारित विषय भी शामिल होंगे। इस कोर्स में कुल 60 सीटें प्रस्तावित की गई हैं।
बीएससी इन फ्यूचर टेक्नोलॉजी कोर्स को लेकर सीआरएम कॉलेज, हिसार के प्राचार्य प्रो. डॉ. राजेश ने बताया कि इसमें व्यावसायिक दृष्टिकोण से टेक्नोलॉजी आधारित कंटेंट पढ़ाया जाएगा। इस कोर्स को शुरू करने से पहले कॉलेज को एआईसीटीई (AICTE) से अनुमति लेनी होगी।
बीसीए इन एआई व डेटा साइंस पाठ्यक्रम 6 सेमेस्टर में विभाजित
आरकेएसडी कॉलेज, कैथल के प्रवक्ता डॉ. एएस मान ने बताया कि बीसीए इन एआई और डेटा साइंस कोर्स छह सेमेस्टर में विभाजित होंगे। इसमें प्रायोगिक प्रयोगशालाएं, इंटर्नशिप और कैप्स्टोन प्रोजेक्ट शामिल होंगे। यह कोर्स विद्यार्थियों को AI और डेटा-संचालित उद्योगों में करियर के लिए व्यावसायिक रूप से तैयार करेगा। इसकी कुल फीस (प्रवेश के समय) लगभग ₹32,000 प्रति वर्ष निर्धारित की गई है।
इन अन्य कोर्सों को भी मिली पहली बार मंजूरी:
- बीएससी इन डेटा साइंस
- एमए इन म्यूजिक वोकल
- पुस्तकालय और सूचना विज्ञान में स्नातक
- पीजी डिप्लोमा इन योग
- एमएससी कंप्यूटर साइंस (डेटा साइंस और मशीन लर्निंग)
- कपड़े और वस्त्र में एमएससी
- सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग एकेडमी में बीएससी
- मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता में एमएससी
- क्लाउड कंप्यूटिंग और सूचना सुरक्षा में बीएससी
- भविष्य की प्रौद्योगिकियों के कोर्स
इन कोर्सों को नहीं मिली मंजूरी:
- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन गाइडेंस काउंसलिंग एंड फिजियोथेरेपी
- मल्टी डिसिप्लिनरी एमएससी कोर्स
- पीजी डिप्लोमा इन डिजिटल मार्केटिंग
शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत
हरियाणा में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में तकनीकी और भविष्योन्मुखी कोर्सों को मंजूरी दी गई है, जो यह दर्शाता है कि राज्य अब पारंपरिक शिक्षा से आगे बढ़कर डिजिटल और इंडस्ट्री-रेडी शिक्षा मॉडल की ओर बढ़ रहा है। इससे न केवल विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें नौकरी के बेहतर अवसर भी मिलेंगे।