सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश में 15 जून 2025 को होने वाली NEET PG परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यह परीक्षा दो पालियों के बजाय एक ही पाली में कराई जाए। कोर्ट ने कहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा दे रहे हों, तो दो अलग-अलग पालियों में परीक्षा कराना पारदर्शिता के खिलाफ हो सकता है।
NEET PG 2025 की परीक्षा में इस बार करीब 2,42,678 अभ्यर्थी शामिल होने वाले हैं, और पहले इसे दो पालियों में आयोजित करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब केंद्र को यह सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षा को एक ही समय में पूरे देश में कराया जाए, ताकि सभी छात्रों को बराबरी का अवसर मिले।
याचिका में यह भी कहा गया था कि दो अलग पालियों में परीक्षा होने से एक पाली के उम्मीदवारों को कठिन या आसान पेपर मिल सकता है, जिससे मेरिट में असमानता उत्पन्न होती है। कोर्ट ने यह तर्क स्वीकार किया और साफ कहा कि पूर्ण पारदर्शिता तभी संभव है जब सभी उम्मीदवार एक ही पाली में परीक्षा दें।
हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह बात रखी कि दो पालियों में परीक्षा कराने का फैसला लॉजिस्टिक कारणों से लिया गया था, क्योंकि एक ही समय में इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के लिए केंद्र तैयार करना चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन कोर्ट ने जवाब में कहा कि अगर समय की जरूरत हो तो केंद्र सरकार आवेदन दे सकती है, लेकिन परीक्षा हर हाल में एक ही पाली में ही आयोजित की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से छात्रों को राहत मिली है, खासकर उन उम्मीदवारों को जो पहले से इस व्यवस्था को लेकर चिंतित थे। अब देखना होगा कि राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) और स्वास्थ्य मंत्रालय इस आदेश को लागू करने के लिए क्या योजना बनाते हैं।