संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में सुधारों को लेकर हाल ही में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव और बदलाव सामने आए हैं। पूर्व RBI गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधारों की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रणाली में कई युवा उम्मीदवार वर्षों तक तैयारी करते हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर उनका समय और ऊर्जा व्यर्थ हो जाती है।
सुब्बाराव के प्रमुख सुझाव:
- आयु सीमा और प्रयासों की संख्या में कटौती: उन्होंने UPSC परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा को 27 वर्ष और प्रयासों की संख्या को तीन तक सीमित करने की सिफारिश की है। उनका मानना है कि अधिक प्रयासों की अनुमति से परीक्षा तकनीक में महारत रखने वाले उम्मीदवारों को बढ़ावा मिलता है, जबकि वास्तविक योग्यता को नजरअंदाज किया जाता है।
- मिड-कैरियर IAS एंट्री: सुब्बाराव ने 40 से 42 वर्ष की आयु के पेशेवरों के लिए IAS में एक संरचित वार्षिक प्रवेश मार्ग की सिफारिश की है। उनका मानना है कि अनुभवी पेशेवर प्रशासन में बेहतर योगदान दे सकते हैं।
UPSC का नया ऑनलाइन आवेदन पोर्टल:
UPSC ने हाल ही में एक नया ऑनलाइन आवेदन पोर्टल लॉन्च किया है, जो पुराने वन-टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) सिस्टम की जगह लेगा। यह नया पोर्टल उपयोगकर्ताओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। सभी उम्मीदवारों को नए पोर्टल पर पुनः पंजीकरण करना अनिवार्य होगा, चाहे उन्होंने पहले OTR के तहत पंजीकरण किया हो या नहीं।
पाठ्यक्रम में समकालीन विषयों का समावेश:
UPSC ने 2025 की परीक्षा के लिए अपने पाठ्यक्रम में डिजिटल तकनीक, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्वास्थ्य जैसे समकालीन विषयों को शामिल किया है। यह बदलाव प्रशासनिक आवश्यकताओं के अनुरूप उम्मीदवारों को तैयार करने के उद्देश्य से किया गया है।
आरक्षण प्रमाणपत्रों में अनियमितताओं की जांच:
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 2015 से 2023 के बीच UPSC के माध्यम से चयनित कुछ सिविल सेवा अधिकारियों द्वारा आरक्षण प्रमाणपत्रों के दुरुपयोग की शिकायतों की जांच शुरू की है। यह जांच विभिन्न राज्यों में की जा रही है और इसका उद्देश्य चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
निष्कर्ष:
UPSC में प्रस्तावित और लागू किए गए ये सुधार भारतीय सिविल सेवा प्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और समकालीन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन बदलावों का उद्देश्य न केवल चयन प्रक्रिया को बेहतर बनाना है, बल्कि योग्य और सक्षम उम्मीदवारों को प्रशासनिक सेवाओं में शामिल करना भी है।